आजमगढ़। शासन के कड़े निर्देश के बाद जिला पूर्ति विभाग यूनिट तक का आधारकार्ड जोड़ने में युद्धस्तर पर जुट गया है। इसके लिए शासन की तरफ से एक जून तक तिथि निर्धारित की गई है। इस तिथि तक सभी कार्डधारक आधारकार्ड से आच्छादित नहीं हो पाए तो इसकी जिम्मेदारी विभागीय अधिकारी की होगी। ऐसे में जिला पूर्ति अधिकारी से लेकर पूर्ति निरीक्षक कार्य को पूरा करने में जी जान से जुटे हुए हैं। अब तक 47.94 फीसद राशनकार्ड लिंक करा दिया गया है लेकिन अभी भी आधारकार्ड लिंक कराना है। समय कार्ड आधार से कम होने की वजह से पूरी मशीनरी जुटी हुई है। देखना है जून तक भी यह कार्य हो पाता है या नहीं। फिर भी आपरेटरों को आदेशित किया गया है। दिन-रात एक करके आधारफीडिंग का कार्य किया जा रहा है। खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत वर्ष 2013 से नया राशन कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई है लेकिन पांच साल बाद भी यह किसी अंजाम तक नहीं पहुंच पाई है। अभी तक आवेदन ही आनलाइन हो पाएं हैं। किसी भी उपभोक्ता को राशन कार्ड नहीं दिया गया है। इसकी वजह से आनलाइन फीड किए गए आवेदन की कापी निकाल कर पात्रों को खाद्यान्न प्रदान किया जा रहा है। नए सिरे से सत्यापन होने के बाद तमाम लोगों के राशनकार्ड भी काट दिए गए हैं। इसकी वजह से प्रतिदिन से लिंक नहीं जिला पूर्ति कार्यालय पर लोगों का रेला लगा हुआ है। गांवों में ग्राम पंचायत अधिकारियों व लेखपालों के सत्यापन के बाद ही आवेदन ऑनलाइन किया जा रहा है। कुल मिलाकर उपभोक्ताओं में फजीहत हो रही है। उधर कोटेदार भी घटतौली कर रहा है। वह ऊपर से बोरे में कम खाद्यान्न आने की बात कर अपना पल्ला झाड़ ले रहा है। जिला पूर्ति विभाग की राशन कार्ड बनाने की प्रक्रिया काफी धीमी है। 47.94 फीसद आधार तो लिंक करा दिया गया है लेकिन इसमें 26.77 फीसद ही डाटा मैच कर रहा है। यानी 21.77 फीसद डाटा जुड़ ही नहीं पा रहे हैं। इसकी वजह से देखा जाए तो केवल 26.66 फीसद ही कार्य हो पाया है। 73.34 फीसद आधारकार्ड लिंक कराना है। ऐसे में पूरा विभाग हांफ रहा है।
अभी 50 फीसद राशन कार्ड आधार से लिंक नहीं